
उत्तरप्रदेश
प्रयागराज/स्वराज टुडे: प्रयागराज पुलिस ने शातिर चोरों के ऐसे गैंग का खुलासा किया है जो है तो अंगूठा छाप लेकिन पलक झपकते लाखों का माल पार करते थे . गिरफ्तार तीनों आरोपियों के पास से जब बरामदगी शुरू हुई तो पुलिस की आखें खुली की खुली रह गई. मोबाइल, सोने, चांदी के जेवर और अन्य सामान मिलाकर करीब दस लाख का माल तीनों के कब्जे से बरामद किया गया है.
पलक झपकते गायब करते हैं सामान
मुख्य आरोपी आजाद विश्वकर्मा अपने गैंग का लीडर है. वो पलक झपकते ही सामान गायब करने में माहिर है. भीड़भाड़ वाली जगह, मंदिर या फिर मेला में वह मोबाइल गायब कर देता था. मौका मिलता था तो सोने चांदी के जेवर पर भी हाथ साफ कर देता था. इसके बाद चोरी के सामान को बेचने की जिम्मेदारी दिलीप और मदन की होती थी.
रीवा, सतना में बेचते थे मोबाइल
दिलीप और मदन चोरी का सामान बेचते थे. दोनों मध्य प्रदेश के रीवा और सतना में सेटिंग बनाए हुए थे. एक बार में बीस पच्चीस मोबाइल लेकर दोनों जाते थे, फिर उसे औने पौने दाम में बेच देते थे. इन्हीं दोनों जिलों में वह सोने चांदी के जेवर भी बेचते थे. इस बार करीब तीन महीने का इकट्ठा किया हुआ सामान वह बेचने की फिराक में थे तभी पुलिस के हत्थे चढ़ गए. पुलिस ने तीनों के कब्जे से 25 मोबाइल फोन के अलावा सोने चांदी के जेवर बरामद किए हैं.
तीन साथी बन गए चोर
घूरपुर थाना क्षेत्र के सेमरी कल्बना गांव के रहने वाले आजाद विश्वकर्मा, दिलीप और मदन विश्वकर्मा अड़ोस पड़ोस में रहते हैं. तीनों के बीच बचपन से ही गहरी दोस्ती थी. तीनों ने परिवार चलाने के लिए कई कामकाज किया मगर कोई काम इन्हें रास नहीं आया. आजाद विश्वकर्मा ने चोरी को अपना धंधा बना लिया. छोटे मोटे हाथ मारते मारते वह चोरी में माहिर हो गया. चोरी और छिनैती को उसने अपना पेशा बना लिया. दो बार जेल से बाहर आने के बाद आजाद पक्का हो गया. इसके बाद उसने अपने साथियों दिलीप और मदन के साथ गैंग बना लिया. तीनों का गैंग चल निकला.
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