छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती समारोह का भव्य शुभारंभ श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय कोरबा से प्रारंभ हुआ।
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती समारोह का भव्य शुभारंभ दिनांक 23 अक्टूबर 2024 बुधवार को 11.00 बजे से आरंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री अरुण सावजी उप- मुख्यमंत्री छ.ग. शासन, विशिष्ट अतिथि-श्री लखन लाल देवांगन जी- वाणिज्य एवं श्रम मंत्री छ.ग.शासन, श्री प्रेमचंद पटेल विधायक कटघोरा विधानसभा क्षेत्र,श्री सुनील जैन -अध्यक्ष,श्री अग्रसेन शिक्षण समिति, श्री राजेन्द्र अग्रवाल – अध्यक्ष अग्रवाल समाज की गरिमामय उपस्थिति में हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अग्रवाल सभा कोरबा श्री राजेन्द्र अग्रवाल ने की। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता के रूप में वर्णिका शर्मा जी प्रांतीय सह सचिव लोक माता अहिल्याबाईं होलकर त्रिशताब्दी जंयती समारोह समिति रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती,श्री अग्रसेन जी तथा अहिल्या बाई होलकर के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
मंच पर उपस्थित समस्त अतिथि का मौक्तिक माला ,श्री फल तथा उत्तरीय से उनका स्वागत किया गया। तत् पश्चात आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं प्राचार्य डॉ मनोज कुमार झा जी ने अपने स्वागत उद्बोधन में समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन के उद्देश्य से सभी को अवगत कराया। कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ मनोज कुमार झा ने रखी तथा बताया कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की जयंती की त्रिशताब्दी के आयोजनों हेतु “लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति जिला कोरबा” का गठन किया गया है।
संपूर्ण देश में वर्ष पर्यन्त चलने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए उन्होंने ने बताया समिति के द्वारा वर्ष भर में शालेय स्तर, महाविद्यालय स्तर तथा सामाजिक स्तर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। लोकमाता के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित ललित कलाओं जैसे संगीत, नाटक, चित्रकला, कविता आदि के माध्यम से देवी अहिल्याबाई के जीवन को जन जन तक पहुंचाया जाएगा।
विशिष्ट अतिथि माननीय लखन लाल देवांगन जी अपने उद्बोधन में अहिल्या बाई के जीवन संघर्ष को समक्ष रखते हुए समस्त जनमानस को प्रेरणा हेतु प्रेरित किया। माननीय मुख्य अतिथि अरूण साव जी ने अपने उद्बोधन में अहिल्या बाई होलकर के जीवन के प्रेरक प्रसंग का वृत्तांत सुनाते हुए उनकी न्याय प्रियता , अनुशासनप्रियता, जनकल्याणकारी योजनाओं और नीतियों समस्त जनमानस को अवगत कराया, उन्होंने बताया कि लोकमाता ने 300 से ज्यादा मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया।
विशेषज्ञ वक्ता के रूप में आमंत्रित वर्णिका शर्मा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में दर्शक दीर्घा में बैठे समस्त छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा जीवन सिर्फ सफल ही नहीं , सार्थक भी होना चाहिए। लोकमाता का जीवन वास्तव में सार्थकता से परिपूर्ण था। उन्होंने लोक माता अहिल्या देवी का जीवन वृत्त रखते हुए उनके विचारों को मंच पर रखा। एक प्रशासक के रूप में अहिल्या बाई होलकर के विचार वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं। वह परम शिव भक्त थीं तथा शासन के प्रत्येक कार्य को शिव का आदेश मानकर उनका निर्वहन करती थी। भगवान शिव की राजमुद्रा के साथ राजकार्य करने वाली एकमात्र शासक थी। वह कहती थी कि ‘मेरे प्रत्येक राजकीय कृत्य का उत्तर मुझे परमात्मा को देना है।अपने कृति व कर्म की जिम्मेवारी मेरी स्वयं की है।इन कार्यों को करने के लिए ईश्वर ने मेरा चयन किया , अतः मैं अपने प्रत्येक कार्य को श्रेष्ठता के साथ करूंगी।’ अपने जीवन के विविध दायित्वों को निभाते हुए ही उनका जीवन विकसित हुआ। वे न्याय व निर्णय इस प्रकार से करती थी कि दोनो ही पक्ष उससे सहमत हो जाते थे। एक समय राहगीरों से लूटपाट भील समूहों को ही उन्होने प्रभावी रूप से समझाकर, सभी यात्रियों की सुरक्षा का कार्य दे दिया। इनकी जनकल्याणकारी कार्यों के कारण इन्हें ” क्वीन आप स्पिरिट” कहा गया है। कुशल प्रशासन व कुटनीतिज्ञता की वह अनुपम उदाहरण थी।
कार्यक्रम का प्रारंभ अहिल्या बाई होलकर पर आधारित एक नृत्य नाटिका से हुआ जिसे श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय कोरबा की छात्राओं ने उत्कृष्ट से मंचन किया। अहिल्या देवी पर आधारित एक गीत की सामूहिक प्रस्तुति छात्राओं द्वारा दी गई।
मंच परिचय तथा संचालन सहायक प्राध्यापक रुचिका कल्ला तथा अक्षदा पुंडलिक ने किया ने किया तथा महाविद्यालय परिवार ने समस्त अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। महाविद्यालयीन शिक्षण समिति के अध्यक्ष श्री सुनील जैन जी ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
यह भी पढ़ें: खौलते दूध का बॉयलर फटा, एक महिला का सिर धड़ से अलग, दूसरी का सिर फटा
यह भी पढ़ें: ब्रेकिंग: स्कूली बच्चों से भरी वैन सोन नदी में गिरी, मचा हड़कंप
यह भी पढ़ें: हेल्थ टिप्स: इन 5 कारणों से फूलने लगती हैं हाथों की नसें, तुरंत डॉक्टर से कराएँ जाँच
Editor in Chief