नाइट्रोजन गैस सुंघाकर पहली बार दिया गया मृत्युदंड, जानें कैसे निकलती है जिस्म से जान

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नई दिल्ली/स्वराज टुडे: अलबामा ने हत्या के एक मामले के दोषी को अपनी तरह का पहला तरीका अपनाते हुए नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मृत्युदंड दिया जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. इसी के साथ अमेरिका में मृत्युदंड को लेकर बहस फिर से छिड़ गई है.

राज्य प्रशासन का कहना है कि यह नया तरीका मानवीय है लेकिन आलोचकों ने इसे क्रूर और प्रयोगात्मक बताया है. अधिकारियों ने बताया कि 58 वर्षीय केनेथ यूजीन स्मिथ को एक ‘फेस मास्क’ के जरिए गुरुवार को नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी से उसकी मौत हुई. स्मिथ को अलमाबा जेल में रात आठ बजकर 25 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया.

इंजेक्शन देकर मौत की सजा देने का प्रावधान कब से हुआ था शुरू

अमेरिका में 1982 के बाद से घातक इंजेक्शन देकर मौत की सजा देने का प्रावधान शुरू हुआ था और तभी से मृत्युदंड देने के लिए आमतौर पर यही तरीका अपनाया जाता है. अमेरिका में नाइट्रोजन सुंघाकर मौत की सजा देने का यह पहला मामला है. राज्य ने एक व्यक्ति से सुपारी लेकर उसकी पत्नी की हत्या करने के 1988 के मामले में दोषी स्मिथ को 2022 में भी मृत्युदंड देने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय किसी तकनीकी समस्या के कारण इसे अंत समय पर रोक दिया गया था.

स्मिथ को नाइट्रोजन सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया

नए तरीके से सजा दिए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई हार जाने के बाद स्मिथ को नाइट्रोजन सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया. स्मिथ के वकीलों ने दावा किया था कि राज्य सजा के ऐसे तरीके का प्रयोग करने के लिए उसे परीक्षण वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा है जो दंड देने के क्रूर एवं असामान्य तरीके पर संवैधानिक प्रतिबंध का उल्लंघन कर सकता था. अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार रात स्मिथ की इस याचिका को खारिज कर दिया.

दीपक साहू

संपादक

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