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जिले में नए वित्तीय वर्ष से सक्षम महिला स्व-सहायता समूह रेडी टू ईट फूड करेंगी तैयार

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छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के सवा साल के बाद आखिरकार पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत रेडी टू ईट फूड निर्माण को लेकर स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों का 4 साल का लंबा इंतजार चरणबद्ध रूप से समाप्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है।

बजट सत्र में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू होने होने से ठीक पहले महिला एवं बाल विकास विभाग ने शुरुआती दौर में घोषणानुरूप 6 जिलों में रेडी टू ईट फूड का निर्माण का दायित्व सक्षम महिला स्व-सहायता समूहों को सौंप दिया है। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से कोरबा, रायगढ़, बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार एवं सूरजपुर में स्थानीय समूह रेडी टू ईट के संचालन की बागडौर संभालेंगे। आचार संहिता समाप्त होने के उपरांत विस्तृत दिशा-निर्देश आते ही समूह चयन मापदंड संबंधी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।

सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग के हफ्ते भर पूर्व जारी इस विभागीय पत्र के वायरल होते ही संबंधित जिले के सक्षम महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्य अभी से उत्साहित हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 6 माह से 6 वर्ष के नोनिहालों, किशोरियों, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण के लिए कार्य किया जा रहा है। 1 फरवरी 2022 के पूर्व स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत रेडी टू ईट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा था। गेहूं, सोया, चना, मूंगफली मिश्रित पौष्टिक पोषण आहार रेडी टू ईट 3 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए प्रत्येक मंगलवार को दिए जाने का प्रावधान है, ताकि उन पर कुपोषण की काली छाया न पड़े, कुपोषित हितग्राही इसके दायरे से बाहर निकल सकें।

24 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ शासन ने द्वारा कैबिनेट में लिए गए निर्णय अनुसार 1 फरवरी 2022 फरवरी से राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के माध्यम से स्वचलित मशीनों के माध्यम से रेडी टू ईट का उत्पादन करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाईन का हवाला दिया है, जिसमें मानव स्पर्श रहित गुणवत्ता युक्त आवश्यक पोषक तत्वों से भरे रेडी टू ईट बच्चों की सेहत के लिए उपयुक्त बताया था। हालांकि सरकार के इस फैसले से पिछले करीब डेढ़ दशक से रेडी टू ईट का निर्माण कर रहीं स्व-सहायता समूह के हाथों से रोजगार छीन गया था। 20 हजार से अधिक महिलाएं सीधे तौर पर इससे प्रभावित हुईं थी। लाखों रुपए कर्ज लेकर विषम परिस्थितियों में भी स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने योजना का सुचारू संचालन किया। शासन के फैसले के खिलाफ कवर्धा, कोरबा, सूरजपुर सहित कई जिलों में रैली निकाल कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध जताया गया था।
बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने पहले चरण में 5 जिलों में रेडी टू ईट फ़ूड का दायित्व स्थानीय पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूहों के हवाले करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणानुरूप आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले 20 जनवरी 2025 को सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन शम्मी आबिदी ने पूरक पोषण आहार योजनांतर्गत रेडी टू ईट निर्माण व वितरण का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम रायपुर की स्थापित यूनिट की जगह 5 जिलों में रेडी टू ईट के निर्माण हेतु फर्म एंड सोसायटी के तहत पंजीकृत सक्षम महिला स्व-सहायता समूहों को सौंप दिया है।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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