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चाणक्य नीति: भूल कर भी ना करें इन लोगों का अपमान, बनेंगे पाप के भागीदार

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आचार्य चाणक्य के बारे में शायद ही कोई ऐसा हो जो कि न जानता हो. यह अपने समय के एक महान विद्वान थे. अपने जीवनकाल में इन्होने धन, तरक्की, मान-सम्मान और मित्रता को लेकर कई तरह की बातें बतायीं.

यहां तक कि आचार्य चाणक्य ने नीतियों की रचना भी की. इन नीतियों का जब भी आप जानते हैं या फिर इनका पालन करते हैं तो आपको जीवन के बारे में और उसे जीने के तरीकों के बारे में काफी कुछ सीखने को मिल जाता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कई तरह के लोगों का जिक्र किया है जिनमें से वे भी हैं जिनका आपको जीवन में कभी कभी अपमान नहीं करना चाहिए. आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं.

1. माता का कभी न करें अपमान

दुनिया में अगर कोई आपसे बिना किसी स्वार्थ के प्यार करता है तो वह आपकी माता है. चाणक्य नीति के अनुसार आपको कभी भी अपनी माता का अपमान नहीं करना चाहिए. केवल यहीं नहीं, किसी अन्य व्यक्ति की माता का भी आपको अपमान नहीं करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आप पाप के भागीदार बनते हैं.

2. पिता

पिता, यह एक ऐसा शख्स होता है जो आपको जीवनभर में कई तरह की चीजें सिखाता है. चाणक्य नीति के अनुसार आपको कभी भी अपने पिता का या फिर किसी और के पिता का अपमान नहीं करना चाहिए. अगर आपने ऐसा किया है तो आपको जल्द से जल्द उनसे माफ़ी मांग लेनी चाहिए.

3. गुरु

चाणक्य नीती के अनुसार, एक व्यक्ति को कभी भी अपने गुरु या फिर शिक्षक का अपमान नहीं करना चाहिए. यह एक ऐसा शख्स होता है जो निरंतर आपके भावशीय को बेहतर बनाने की कोशिश करता रहता है.

4. ब्राह्मण

चाणक्य नीति के अनुसार अगर आपके घर पर कोई ब्राह्मण आ जाए तो आपको उसका अपमान कभी भी नहीं करना चाहिए. उल्टा आपको उनकी मदद करनी चाहिए.

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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