हिंदू टीचर की हत्या के बाद सड़कों पर उतरे कश्मीरी पंडित,
4000 कश्मीरी पंडितों ने दी सामूहिक पलायन की चेतावनी,
सामान को ले जाने के लिए ट्रक-मालिकों से मिल रहे हैं कश्मीरी पंडित
श्रीनगर/स्वराज टुडे: कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक समूह ने घाटी में गैर मुस्लिम कर्मचारियों की आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्या के खिलाफ बुधवार को सामूहिक पलायन की तैयारी शुरू कर दी।
इन्हें समुदाय के लिए प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत नौकरियां दी गई हैं। समूह ने कहा कि वे बुधवार को ट्रक-मालिकों से मिल रहे हैं जहां वे उनके सामान को ले जाने के भाड़े पर बातचीत करेंगे।
आज से शुरू करेंगे पलायन
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों द्वारा एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या करने के कुछ घंटे बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक संगठन ने धमकी दी थी कि अगर उन्हें 24 घंटे में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया गया तो वे घाटी छोड़ देंगे। उनके एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘हम ट्रक मालिकों से भाड़ा तय करने के लिए आए हैं। देखते हैं, आज शाम तक सरकार कोई फैसला लेती है या नहीं। अगर नहीं तो, फिर हम कल से यहां से पलायन शुरू कर देंगे।’
24 घंटे में नहीं नहीं मिली सुरक्षा तो करेंगे पलायन
एक कर्मचारी ने कहा, ‘अगर सरकार 24 घंटे में हमारी सुरक्षा के लिए) कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो एक बार फिर सामूहिक पलायन होगा।’ उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्या जारी है और समुदाय अब सरकार से अपील करते-करते थक गया है। उन्होंने कहा, ‘हमें स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि हमें बचाया जा सके। हमारा प्रतिनिधिमंडल पहले उपराज्यपाल से मिला था और हमने उनसे हमारी सुरक्षा के लिए कहा था। हम घाटी में स्थिति सामान्य होने तक दो से तीन साल के लिए अस्थायी तौर पर स्थान परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त बनाने के लिए IGP पुलिस महानिरीक्षक) कश्मीर ने भी यही समय सीमा रखी है।”
हिंदू टीचर की हत्या पर उबाल
जम्मू संभाग के सांबा जिले की रहने वाली रजनी बाला की मंगलवार को कुलगाम के सरकारी स्कूल में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उनसे पहले, बडगाम जिले के तहसीलदार चदूरा के कार्यालय में घुसकर क्लर्क राहुल भट की 12 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दक्षिण कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमेश तलाशी ने मौजूदा हालात के लिए भाजपा पर निशाना साधा है। तलाशी ने ट्वीट किया कि 1990 दोहराता हुआ। उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी पंडित कश्मीर में लगातार होती लक्षित हत्याओं के बाद जम्मू स्थानांतरित होने के वास्ते ट्रक चालकों से भाड़ा तय करने के लिए निकले।’
Back to 1990, #KashmiriPandits out fixing the rates with truck drivers for shifting their base to Jammu after back to back target killings in #Kashmir. Another exodus on cards. #BJP missed to mention this while showcasing their 8 years of achievements yesterday!! pic.twitter.com/Ht7IpvO2lI
— Umesh Talashi (@UTalashi) June 1, 2022
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