छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: सीएसईबी पुलिस चौकी के अंतर्गत बरपारा कोहड़िया में गुरुवार शाम लगभग 4:30 बजे गणेशोत्सव समिति के लोग व बस्तीवासी गणेश जी की प्रतिमा विसर्जन करने नहर पहुंचे थे। इनमें बरपारा निवासी राजकुमार राव का 17 वर्षीय पुत्र हरीश व 16 वर्षीय भूपेन्द्र गुप्ता पिता संजू गुप्ता शामिल थे। इसी दौरान ढोढीपारा से भी एक टोली विसर्जन करने पहुंची। तभी दोनों पक्ष के लोगों के बीच किसी बात को लेकर बहस होने लगी।
हरीश व भूपेन्द्र पर चाकू से हमला
बात बढ़ती गई और ढोढ़ीपारा के लोगों ने मारपीट शुरू कर दी। इस बीच हरीश व भूपेन्द्र पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किया गया। हरीश के सीने व पेट में करीब 7 से 8 बार वार किए गए, जिससे मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। भूपेन्द्र को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल पहुंचाया गया है।
लोगों ने आनन-फानन में दोनों को मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचाया, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने हरीश को मृत घोषित कर दिया।
आक्रोशित बस्तीवासियों ने कर दिया चक्काजाम
घटना से आक्रोशित बस्तीवासियों ने चक्काजाम कर दिया और अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। सूचना मिलने पर कोतवाली टीआई रूपक शर्मा, सिविल लाइन थाना प्रभारी मृत्युंजय पांडेय व चौकी प्रभारी नवीन पटेल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस बीच पुलिस आरोपियों की पहचान कार्रवाई में जुटी रही। बताया जा रहा है कि आरोपियों में एक की पहचान सुमित चौहान के रूप में हुई है। जबकि उसके साथ कुछ अन्य भी शामिल थे। पुलिस ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने और ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर आंदोलन करीब तीन घंंटे बाद समाप्त हो सका। बहरहाल घटना से आहत परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। चाकूबाजी की घटना से क्षेत्र में सनसनी फैली है।
गणेश विसर्जन झांकी में बदमाशों की सक्रियता
आपको बता दें कि आजकल गणेश विसर्जन का दौर चल रहा है । विभिन्न पूजा समितियों द्वारा विसर्जन के लिए चिन्हित किये गए नदी, नहर एवं अन्य जलकुंडों में गणेश जी की प्रतिमा विसर्जित की जा रही है । लेकिन अक्सर देखा जाता है कि कुछ समितियों द्वारा निकाली गई झांकी में नशेबाज बदमाशो और गुंडे मवालियों का जमावड़ा होता है । इनके द्वरा हिन्दू देवी देवताओं की पूजा के नाम जमकर उत्पात मचाया जाता है । कोई भी धार्मिक पर्व आपसी प्रेम और भाई चारे का प्रतीक होता है लेकिन नशेबाज गुंडे मवालियों ने इस पावन पर्व को भी कलंकित कर दिया है।
अगर आप गणेश विसर्जन के दौरान नशे में धुत होकर उत्पात मचाने वाले असामाजिक तत्वों को देखें तो अपने जेहन में गांठ बांध लें कि ऐसी पूजा समितियों को चंदे के रुप में फूटी कौड़ी भी नही देना है । ऐसे लोगों को चंदा देने का मतलब पुण्य नहीं बल्कि पाप के भागीदार होने के समान है । विघ्नविनाशक भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन के दौरान इतनी बड़ी अनहोनी हो जाएगी ये किसी ने सोचा नहीं था । एक माँ बहुत खुश रही होगी कि उसका बेटा पुनीत कार्यों में हिस्सा ले रहा है लेकिन उस बेचारी को क्या पता कि इसकी गोद ही उजड़ जाएगी । इस घटना ने पूरे हिन्दू समाज को शर्मसार कर दिया है ।
Editor in Chief