उत्तरप्रदेश
मैनपुरी/स्वराज टुडे: निवेश की गई रकम को जल्द दोगुना करने, लंबे और बड़े फायदे उठाने के झांसे देकर लोगों से ऑनलाइन ठगी करने का अनोखा मामला सामने आया है. इसमें दोगुना हुई रकम खाते में दिखती तो है लेकिन उसे निकाल नहीं सकते.
इसके लिए शातिर ठगों ने बाकायदा एक एप भी बनवाया था. यह जानकारी पुलिस अधीक्षक मैनपुरी विनोद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. उन्होंने बताया कि स्थानीय निवासी ने एफआईआर दर्ज कराते हुए ऑनलाइन ठगी की जानकारी दी थी.
पुलिस अधीक्षक मैनपुरी विनोद कुमार ने बताया कि शेयर मार्केटिंग व क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले दो शातिर अपराधियों को अरेस्ट किया गया है. मैनपुरी के रहने वाले एक व्यक्ति से इन शातिरों ने 16 लाख की ऑनलाइन ठगी की थी. जब उसे अपनी रकम नहीं मिली तो उसे ठगी का अंदेशा हुआ और उसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी थी. साइबर क्राइम के इस मामले में पुलिस ने गहन छानबीन की और पूरा मामला सामने आ गया.
शेयर मार्केट और क्रिप्टो करेंसी के ग्रुप बनाकर करते थे ऑनलाइन ठगी
पुलिस ने बताया कि शातिर बदमाश व्हाट्स ऐप और टेलीग्राम पर शेयर मार्केट और क्रिप्टो करेंसी के ग्रुप बनाकर लोगों को ठगते थे. ये लोग बहुत शातिर तरीके से क्रिप्टो करेंसी व ट्रेडिंग कराकर धनराशि को दोगुना कराने का लालच देते थे. जब व्यक्ति इनसे संपर्क करता था तो ये उसे बड़े-बड़े दावे करते थे. पूछताछ पर पकड़े गये अभियुक्त ने बताया गया कि हम लोग क्रिप्टो करेंसी व ट्रैडिंग कराकर धनराशि को दोगुना कराने का लालच देते थे. हमारे द्वारा व्हाट्स ऐप व टेलीग्राम पर फर्जी ग्रुप एवं चैनल बनाकर उनमें प्लेटफॉर्म OKX & LSEC भेजे गये लिंक के माध्यम से डाउनलोड कराकर क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग करायी जाती थी.
खाते में दिखती थी रकम लेकिन निकलती नहीं, 30 प्रतिशत होता था टैक्स
प्लेटफॉर्म OKX & LSEC पर फर्जी धनराशि को दर्शाया जाता था. जब ग्राहक द्वारा धनराशि को निकालने का प्रयास किया जाता तो धनराशि नहीं निकलती थी. इसके सम्बन्ध में जब ग्राहक द्वारा धनराशि न निकलने के सम्बन्ध में सम्पर्क किया जाता तो हमारे द्वारा 30 प्रतिशत टैक्स जमा करने की बात कहने पर ही धनराशि को निकलने हेतु बताया जाता था. इससे ग्राहक को टैक्स के नाम पर गुमराह करके फिर से धनराशि खातों में डलवाली जाती थी.
विभिन्न खातों में यूपीआई के माध्यम से भेज कर निकालते थे रकम
बाद में हमारे द्वारा खातों में डलवाये गये पैसों को विभिन्न खातों में यूपीआई के माध्यम से भेज कर अलग-अलग स्थानों से निकाल लिया जाता था. पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66 डी व धारा 420 में मामला दर्ज किया था. पकड़े गए आरोपियों से 1 लाख 70 हजार नगदी, 7 मोबाइल, एक लेपटॉप, 6 ATM कार्ड, 3 चेकबुक व 3 पासबुक बरामद की गई है. इनमें आकाश जायसवाल गाजीपुर तो दूसरा स्वप्निल जायसवाल भिलाई छत्तीसगढ़ का रहने वाला है.
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