केंद्र की नई गाइडलाइंस से बंद हो जाएंगे देश के सभी कोचिंग सेंटर…अब कोचिंग मालिक कोर्ट में देंगे गाइडलाइंस को चुनौती !

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नई दिल्ली/स्वराज टुडे: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देश के कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन New Coaching Guidelines जारी की है। इसमें कहा गया है कि 16 साल से कम उम्र में कोचिंग पढ़ाने पर एक लाख रुपए का जुर्माना होगा और कोचिंग भी बंद की जाएगी।

इसके साथ ही इसमें कई और भी नियम जोड़े गए हैं। देशभर के कोचिंग संचालक इन नियमों के विरोध में उतर आए हैं। कोचिंग एसोसिएशन ने कहा है कि वह इन नियमों के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगा रहे हैं।

नई गाइडलाइन का हर नियम कोई भी पालन नहीं कर सकता

कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि दांगी ने कहा कि कोई भी पालिसी बनाने से पहले उससे संबंधित लोगों से चर्चा करना चाहिए। बिना किसी से बात किए केंद्र ने नई गाइडलाइन जारी कर दी और लागू करने के लिए कह दिया। हमें न तो इसके बनने की कोई जानकारी मिली न ही इससे संबंधित लोगों ने हमसे कोई चर्चा की। इसमें कुछ बातें अच्छी हैं लेकिन अधिकतर बातें व्यवहारिक नहीं हैं। हम इस गाइडलाइन के खिलाफ कोर्ट जा रहे हैं। जो गाइडलाइन जारी की है उसके हिसाब से देश की हर कोचिंग पर जुर्माना लगेगा और हर कोचिंग बंद हो जाएगी। इतने नियम हैं कि हर नियम को कोई भी कोचिंग पूरा नहीं कर पाएगी।

नीट, जेईई, सीए सीएस, सिविल की कोचिंग बंद हो जाएगी

रवि दांगी ने कहा कि यदि 16 साल से पहले बच्चे कोचिंग में नहीं पढ़ पाएंगे तो नीट, जेईई, सीए सीएस, सिविल की कोचिंग बंद हो जाएगी। बच्चे 10वीं या इससे पहले से तैयारी करने लगते हैं। एेसे में यह सभी कोचिंग बंद हो जाएंगी।

एक दिन की फीस के लिए लड़ाई झगड़े होंगे

रवि दांगी ने कहा कि कोचिंग 11 महीने का शेड्यूल बनाकर फीस लेती हैं। उसे भी बच्चे किश्त में जमा करते हैं। यदि कितने भी दिन के बाद फीस वापस लेने की बात आएगी तो पैरेंट्स एक एक दिन की फीस के लिए लड़ेंगे जबकि यह व्यवहारिक नहीं है।

छोटे शहरों की फीस बड़े शहरों में कैसे लागू करेंगे

रवि दांगी ने कहा कि गाइडलाइन में लिखा है कि कोर्स और फीस तय की जाएंगी। इसमें हमारा सवाल यह है कि छोटे शहर में जिस कोर्स की फीस 10 हजार रुपए है बड़े शहर में उसकी वही फीस कैसे रख सकते हैं।

हम शिक्षा दे रहे फिर भी सभी टैक्स देते हैं

रवि दांगी ने कहा कि हम शिक्षा दे रहे हैं फिर भी हर तरह का टैक्स देते हैं। हमें कमर्शियल बिजनेस माना जाता है। जीएसटी, कमर्शिलय टैक्स और निगम का टैक्स लिया जाता है। किराया भी देते हैं। एेसी स्थिति में कोचिंग चलाना संभव नहीं है।

स्कूल के समय में नहीं लगा पाएंगे कोचिंग

स्कूल के समय में कोचिंग नहीं लगा पाएंगे न ही बच्चों को स्कूल जाने से रोक पाएंगे। 10वीं और इसके नीचे के बच्चों को कोचिंग में नहीं ले पाएंगे।। 11वीं से ही कोचिंग पढ़ा पाएंगे। बच्चों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की संख्या भी तय होगी। शिक्षा अधिकारियों द्वारा की जाने वाली रेंडम चेकिंग में यदि नियमों की अवहेलना पाई गई तो कार्रवाई होगी। जो भी कोचिंग का बोर्ड लगाकर पढ़ा रहे हैं उन पर यह नियम लागू होंगे। घर में बैठकर चार बच्चों को पढ़ा रहे हैं तो यह नियम लागू नहीं होंगे। सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्टर्ड करना भी अब अनिवार्य होगा।
मोहित यादव, उपाध्यक्ष, कोचिंग एसोसिएशन

 क्या बोले कोचिंग संचालक

कोचिंग एक बहुत बड़ी फील्ड है। सरकार इसे व्यवस्थित करने का प्रयास कर रही है जो बहुत बेहतर है। इससे छात्रों और पैरेंट्स को भी फायदा होगा और समाज को भी इसका फायदा मिलेगा। गली-मोहल्लों में कोचिंग चल रही हैं जिन पर मानिटरिंग बहुत जरूरी है। अभी शिक्षा मंत्रालय ने यह प्रस्ताव बनाए हैं सभी से चर्चा के बाद संभव है कि इनमें कुछ और भी बदलाव होंगे। मेरी नजर में यह सरकार का बहुत अच्छा प्रयास है।
श्रीद्धांत जोशी, एमडी, कौटिल्य एकेडमी

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दीपक साहू

संपादक

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