इस आदत को बदलने से हो सकता है हार्ट अटैक का खतरा कम, हार्ट अटैक के संकेतों को इस तरह पहचानें

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हेल्थ टिप्स

हार्ट अटैक के पीछे जोखिम कारक

हार्ट अटैक एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसके ढेर सारे जोखिम कारक हैं, जिसमें शामिल हैं आपकी जीवनशैली, उम्र, पारिवारिक इतिहास और दूसरे पर्यावरणीय कारक, जिसमें प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन शामिल है।

जीवनशैली में बदलाव से कम होगा खतरा

ह्रदय रोग की बढ़ती चिंताओं के बीच के बहुत से लोग जीवनशैली में कुछ बदलाव कर इस बीमारी के बढ़ते खतरे को जरूरत कम कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें अपनी अनहेल्दी आदतों से दूरी बनानी होगी। जीवनशैली में कुछ बदलाव करने के लिए सबसे पहले आपको बिना किसी देरी के एक्सरसाइज और शारीरिक रूप से एक्टिव रहने की जरूरत है। इस बदलाव की मदद से आप ह्रदय रोग के खतरे को जरूर कम कर सकते हैं।

35 फीसदी तक कम हो सकता है खतरा

ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन का कहना है कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहने पर आप हार्ट और सर्कुलेटरी रोगों के खतरे को कम से कम 35 फीसदी तक कम कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से असक्रिय रहता है या फिर खराब जीवनशैली जी रहा है तो उसे हार्ट और सर्कुलेटरी रोग जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतराकई गुना तक बढ़ जाता है।

7 लाख लोगों की जाती है जान

न्यू यार्क स्थित डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, ऐसा अनुमान है कि करीब 35 फीसदी कोरोनरी हार्ट डिजीज से मरने वाले लोगों की सबसे बड़ी वजह यही है कि वे शारीरिक रूप से असक्रिय रहते थे। कुल-मिलाकर कहा जाए तो दुनियाभर में 60 फीसदी लोग शारीरिक रूप से असक्रिय रहते हैं। डिपार्टमेंट का कहना है कि कोरोनरी हार्ट डिजीज से अमेरिका में सालाना 7 लाख लोगों की जान जाती है।

नतीजे जान उड़ जाएंगे होश

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इसके अलावा ये भी कहा गया है कि वे लोग, जो अपर्याप्त रूप से भी सक्रिय रहते हैं उनमें शारीरिक रूप से सक्रिय रहने वाले लोगों की तुलना में हार्ट अटैक से मरने का खतरा 20 से 30 फीसदी तक बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन द्वारा जारी हालिया अनुमान के मुताबिक, सप्ताह में 35-40 घंटे काम करने की तुलना में प्रति सप्ताह 55 या अधिक घंटे काम करने से स्ट्रोक का अनुमानित 35% अधिक जोखिम और इस्केमिक हृदय रोग से मरने का 17% अधिक जोखिम होता है।

बहुत पहले मिल जाते हैं हार्ट अटैक के संकेत

1) एंजायना पेन – चलते वक्त, काम करते समय छाती में भारीपन होने लगता है। जो काम बंद करने के बाद ठीक हो जाता है। इसे एंजायना पेन कहते हैं। यह हार्ट अटैक की बीमारी का बहुत ही कॉमन लक्षण है। ज्यादतर केसेज में यह लक्षण देखने को मिलता है।

2) सांस फूलना- सांस फूलने की दिक्कत होने लगती है। थोड़ी देर चलते ही आपकी सांस फूलने लगती हैं। अगर आपके साथ लंबे समय से ऐसा हो रहा है। आपको इस समस्या को इग्नोर नहीं करना चाहिए।

3)मिमिक सिंप्टम्स- कुछ भी खाने के बाद गले में जलन होने लगती है। यह भी अचानक हार्ट अटैक आने का एक लक्षण हो सकता है।

4) तेज पसीना और धड़कनों की रफ्तार- अगर आपको बिना किसी वजह से अचानक पसीना आता है, तो यह भी दिल की कमजोरी का एक लक्षण हो सकता है। कई बार धड़कनें बहुत तेज होना या बहुत धीमी होना भी दिल की कमजोरी की तरफ इशारा करती है। अचानक आपको घबराहट होने लगती है तो इसे हल्के में न लें। यह दिल की बीमारी होने का भी एक लक्षण हो सकता है।

दीपक साहू

संपादक

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