इजरायल ऐसे ही नहीं कहलाता महाबली… इन 12 ‘महाअस्त्रों’ की नहीं है लेबनान-ईरान के पास काट

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आयरन डोम… इजरायल का बनाया हुआ दुनिया का सबसे सटीक एयर डिफेंस सिस्टम. 2011 में इजरायल ने Iron Dome तैनात किया. तब से यह इजरायल के लोगों को हमास और अन्य आतंकी समूहों के रॉकेट हमले से बचा रहा है.

अगर आयरन डोम की तरफ 100 रॉकेट आते हैं, तो वह 90 को हवा में ही नष्ट कर देता है. इसे बनाने की शुरूआत 2006 में हुई, जब हिजबुल्लाह आतंकियों ने इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे. इसकी रेंज अब 250 वर्ग km हो चुकी है. यह अब दो दिशाओं से आने वाले दुश्मन रॉकेटों पर हमला कर सकता है. मिसाइल फायरिंग यूनिट में तामीर इंटरसेप्टर मिसाइल होती है. एक बैट्री में तीन-चार लॉन्चर होते हैं. हर लॉन्चर में 20 मिसाइलें होती हैं.

जेरिको-2 मिसाइल… इजरायल में बनी जेरिको-2 मिसाइल असल में बैलिस्टिक मिसाइल है. 26 हजार किलो वजनी इस मिसाइल की लंबाई 14 मीटर है. व्यास करीब 1.56 मीटर. इसमें 400 से 1300 किलोग्राम वजन का वॉरहेड यानी हथियार लगाया जाता है. यह दो स्टेज की मिसाइल है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 1500 किलोमीटर है. यह हाइपरसोनिक गति से चलती है. इजरायल ने इन मिसाइलों को स्दोत मिशा एयरबेस के पास गुफाओं में छिपा रखा है.

ग्रैविटी बम… ग्रैविटी बम ऐसे बमों की फैमिली है, जिन्हें न्यूक्लियर कैपेबल एयरक्राफ्ट से छोड़ा जाता है. अक्सर इनका इस्तेमाल परमाणु हथियारों की डिलिवरी में होता है. ग्रैविटी बम को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है. इन्हें गिराने के लिए किसी प्रोपल्शन सिस्टम, फिन, इंजन की जरूरत नहीं होती. बस प्लेन से गिराना होता है. बाकी काम ग्रैविटी कर देती है. इनका धमाका बहुत खतरनाक होता है. ये बड़े इलाके या इमारत को खत्म करने के लिए इस्तेमाल होते हैं. इनके गिरते समय किसी तरह की आवाज नहीं होती. गिरने पर बड़ा धमाका होता है.

ट्रॉफी सिस्टम… लोगों को लगता है कि टैंक को बर्बाद नहीं किया जा सकता. लेकिन ऐसा नहीं है. कई एंटी-टैंक हथियार आ चुके हैं. ऐसे में इजरायल अपने टैंकों को बचाने के लिए ट्रॉफी सिस्टम बना चुका है. ट्रॉफी डिटेक्शन सिस्टम टैंक को 360 डिग्री प्रोटेक्शन देती है. इसमें धातु के शील्ड से लेकर राडार सिस्टम तक सब होता है. ये सिस्टम एंटी-टैंक मिसाइल को आता देख अलर्ट हो जाता है. उसे टैंक तक पहुंचने से पहले नष्ट कर देता है.

F-16I ‘Sufa’… इजरायली एफ-16 फाइटर जेट. जिसमें आई का मतलब है इजरायल. सूफा का मतलब है स्टॉर्म यानी तूफान. इस फाइटर जेट को दुनिया के कई देश उड़ाते हैं. लेकिन इजरायल ने जो बदलाव किए हैं, वो गजब के हैं. इसे पायलट के हिसाब से बदल दिया गया है. पायलट इसे उड़ाते समय बटन नहीं दबाता. दुश्मन की तरफ सिर्फ देखता है. हेलमेट में लगे सिस्टम से दुश्मन टारगेट नष्ट हो जाता है. इसका हेलमेट सिस्टम फाइटर जेट के राडार और वेपन सिस्टम से जुड़ा रहता है. साथ ही चारों तरफ नजर रखने में भी मदद करता है.

मेरकावा-4 टैंक… इजरायल का सबसे खतरनाक टैंक. यह दुनिया के बाकी टैंकों से एकदम अलग दिखता है. इसमें नया फायर कंट्रोल सिस्टम लगा है. किसी भी तरह के हवाई हमले से बचने की तकनीक लगी है. डिजिटल बैटलफील्ड सिस्टम लगा है. गजब का सस्पेंशन सिस्टम, ट्रैकिंग सिस्टम लगा है, यह किसी भी तरह की जमीन, दलदल और पानी में तेजी से चल लेता है. ये दुश्मन को घुटनों पर लाने के लिए जब गरजता है तो उन्हें उनकी मौत नजर आती है. ये दुनिया के बेस्ट टैंक में से एक है.

ड्रोन्स… इजरायली डिफेंस फोर्सेस की आंखें. इजरायल के अपने बनाए हुए ड्रोन्स हैं. जिनकी बदौलत ये दुश्मनों पर नजर रखते हैं. जैसे The Eitan. इसका विंगस्पैन 85 फीट का है. देखने में बोईंग 737 एयरक्राफ्ट जितना. 36 घंटे तक उड़ान भर सकता है. किसी भी तरह के मौसम में. ऑटोमैटिक डिफ्रॉस्टिंग सिस्टम, टेकऑफ-लैंडिंग सिस्टम से लैस है. कई तरह के सेंसर्स लगाए जा सकते हैं. इजरायल के पास ऐसे ड्रोन्स की पूरी फौज है.

स्काईलार्क I-LE… एक अनमैन्ड एरियल व्हीकल. हल्का, छोटा और उड़ान के समय लगभग न दिखने वाला. इसे आसानी से एक आदमी उठाकर ले जा सकता है. ये 8 मिनट में उड़ान भरने की तैयारी कर लेता है. तीन घंटे तक उड़ान भर सकता है. किसी भी मौसम में. दिन में. रात में. यह लगातार उड़ान के दौरान लाइव वीडियो फीड भेजता है. चूहे की तरह शांत है और बाज की तरह नजरें हैं.

Tzefa Shirion… 394 फीट लंबी चेन, जिसे मिसाइल खींचकर ले जाता है. जब ये चेन जमीन पर गिरती है, तब ये वहां लगे बारूदी सुरंगों को उड़ा देती है. इससे 394 फीट लंबा और 19 से 26 फीट चौड़ाई का रास्ता खाली हो जाता है. यानी वहां लगे दुश्मन के सारे बारूदी सुरंग खत्म हो चुके होते हैं. इससे सेना, टैंक और अन्य बख्तरबंद वाहन को आगे जाने के लिए सुरक्षित जगह मिल जाती है.

आईबॉल सिस्टम… मान लीजिए आतंकी इमारत में छिपा है. सैनिक को नहीं पता कि वो कहां है. सैनिक एक छोटा सा काले रंग का बॉल इमारत में फेकता है. कुछ ही सेकेंड में ये बॉल संतुलित हो जाती है. इसके बाद 360 डिग्री इमेज दिखाती है. इमारत के अंदर का पूरा नजारा बिना अंदर गए लिया जा सकता है. इसमें स्टेट-ऑफ-द-आर्ट कैमरा और इंफ्रारेड कैमरा लगा होता है. जैसे ही आतंकी की पोजिशन मिली, सैनिक हमला कर देते हैं.

द नामेर… इसे लेपर्ड भी कहा जाता है. यह खतरनाक हथियारों से लोड होकर चलने वाली इंफैन्ट्री व्हीकल है. जिसमें कई एडवांस्ड सिस्टम लगे हैं. इसमें बैठने वाले सैनिक सुरक्षित रहते हैं. इसमें ट्रॉफी सिस्टम भी लगा है, जो एंटी-टैंक रॉकेट्स से इसे बचाता है. इसके अंदर तीन लोग बैठते हैं. कमांडर, ड्राइवर और आर्म्स ऑपरेटर. ये जंग के मैदान में भारी तबाही मचाता है.

स्पाइक… यह एक रॉकेट लॉन्चर है. जिसे पूरी तरह से इजरायली सेना के लिए बनाया गया है. नए वैरिएंट का वजन 40 फीसदी कम कर दिया गया है. इसे कंधे पर रखकर दागा जा सकता है. यह जमीनी लड़ाई के लिए बेस्ट है. आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है.

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दीपक साहू

संपादक

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