आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, एक दिन पहले ही पीडब्ल्यूडी विभाग से निकाली थी जानकारी

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मध्यप्रदेश
विदिशा/स्वराज टुडे: मध्य प्रदेश के विदिशा में एक आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना के एक दिन पहले ही आरटीआई कार्यकर्ता ने विदिशा के पीडब्ल्यूडी की जानकारियां निकाली थीं और दूसरे दिन ही उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद पुलिस मृतक द्वारा अभी तक निकाली गई जानकारियों को खंगाल रही है जिसमें हत्यारे का सुराग लग सके।

ठेकेदारी छोड़ बने थे आरटीआई कार्यकर्ता

बताया जाता है कि विदिशा के रंजीत सोनी की गुरुवार शाम को गोली मारकर हत्या कर दी गई। रंजीत पहले पीडब्ल्यूडी के लिए ठेकेदारी करते थे लेकिन कुछ सालों से वे आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय थे। उन्होंने पिछले दिनों पीड्ब्ल्यूडी से एक आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी थी जो उन्हें एक दिन पहले ही मिली थी। इसमें पीडब्ल्यू और उसके ठेकेदारों से जुड़ी बड़ी जानकारी मिली थी। इसके बाद अगले दिन ही रंजीत सोनी की पीड्ब्लयूडी दफ्तर के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गई।

अब आरटीआई में ली गई जानकारियों पर जांच शुरू

आरटीआई कार्यकर्ता रंजीत की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक उनके द्वारा आरटीआई में जुटाई गई जानकारियों की तफ्तीश शुरू कर दी है। जांच का दायरा वह सभी विभाग हैं जिनमें रंजीत सोनी ने आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी थी और जहां से उन्हें जानकारियां मिली या आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए। रंजीत सोनी के आरटीआई से जानकारियां एकत्रित किए जाने से कई सरकारी अधिकारी और ठेकेदार उनसे खफा थे।

खंगाले जा रहे हैं सीसीटीवी फुटेज

एडिशनल एसपी के मुताबिक पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है और हत्यारे जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे। पुलिस घटनास्थल के आस-पास सीसीटीवी के फुटेज खंगाल कर हत्यारों की सुराग तलाशने में जुटी हुई है। पुलिस के मुताबिक बदमाश आरटीआई कार्यकर्ता के सिर में गोली मारकर फरार हो गए। पुलिस घटनास्थल के आसपास मौजूद लोगों से पूछताछ कर हत्यारों का पता लगाने में जुटी हुई है।

आरटीआई कार्यकर्ताओं के साथ वारदातें

आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की प्रदेश में इस साल दूसरी घटना है। बालाघाट के 46 साल के सतीश शेंडे की हत्या कर शव को फेंक दिया गया था। शेंडे ने बीपीएल में फर्जी लोगों के नामों को लेकर आरटीआई से जानकारी जुटाई थी जिसके कारण हत्या होने की संभावनाएं सामने आई थीं। पांच साल पहले मुरैना में भी एक आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश दुबे की हत्या कर लाश जंगल में फेंक दी गई थी। इसी तरह भोपाल में कुछ साल पहले आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

 

दीपक साहू

संपादक

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