राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देश का टॉप मोस्ट मिलिट्री स्कूल है. इस स्कूल में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे आर्मी में ऑफिसर बनते हैं. यह स्कूल आर्मी में ऑफिसर की भर्ती के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी के लिए फीडर का काम करता है.राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज पूर्ण आवासीय है.
नई दिल्ली/स्वराज टुडे: देश में कई तरह के सैन्य स्कूल हैं. हजारों पेरेंट्स बच्चे का एडमिशन सैनिक स्कूलों में कराना चाहते हैं. आर्मी पब्लिक स्कूल और राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री स्कूल के बाद आज हम बताने वाले हैं राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज, देहरादून के बारे में. यह देश का टॉप मोस्ट सैनिक स्कूल है. राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) भारतीय सेना के आर्मी ट्रेनिंग कमांड के अंतर्गत संचालित होता है. यह सेना का इंटर सर्विस ए कैटेगरी प्रतिष्ठान है. इसका उद्घाटन 13 मार्च 1922 को प्रिंस एडवर्ड VIII ने किया था. उस वक्त यह देहरादून छावनी के गढ़ी गांव के पास इंपीरियल कैडेट कोर (जिसे राजवाड़ा कैंप भी कहा जाता है) के परिसर में था.
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के एक लिए एक फीडर संस्थान के तौर पर काम करता है. इसमें पढ़ने वाले बच्चों में से 70 से 80 फीसदी का सेलेक्शन एनडीए में होता है. जो अपना ट्रेनिंग कोर्स पूरा करके भारतीय सेना में ऑफिसर बनते हैं. इसलिए यह भी कहा जाता है कि राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में दाखिला मतलब इंडियन आर्मी में ऑफिसर बनना समझो पक्का. यह कॉलेज पूर्ण आवासीय है. कॉलेज सिर्फ उन्हीं लोगों को एडमिशन लेने की सलाह देता है जिन्हें भारतीय सेना में भर्ती होने में रुचि है. अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की वेबसाइट https://rimc.gov.in/ पर विजिट किया जा सकता है.
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में एडमिशन
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार यहां हर छह महीने में लगभग 25 कैडेट्स के आठवीं कक्षा में एडमिशन होते हैं. इसके लिए उम्र साढ़े 11 साल से कम और 13 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए. साल में एक बार एडमिशन जनवरी में होते हैं और दूसरी बार जुलाई में.
इस कॉलेज में एडमिशन सिर्फ आठवीं कक्षा में होते हैं. एडमिशन के लिए स्टूडेंट को किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से सातवीं पास होना चाहिए या इस कक्षा में अध्ययनरत होना चाहिए. राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में एडमिशन बके लिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा होती है. एक और जरूरी बात यह है कि यहां प्रत्येक राज्य के लिए कोटा निर्धारित है. बड़े राज्यों के लिए दो और छोटे राज्यों के लिए एक सीट.
कितनी है फीस ?
औसतन फीस की बात करें तो सैनिक स्कूल में एक साल की पढ़ाई का खर्चा करीब डेढ़ लाख रुपए के आस-पास आता है. इन खर्चों में बच्चों की पढ़ाई के साथ उनके हॉस्टल, मेस सहित कुछ अन्य जरूरी खर्चे शामिल हैं.
प्रवेश परीक्षा
आठवीं कक्षा में एडमिशन के लिए साल में दो बार अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा होती है. जिसमें अंग्रेजी (125 अंक), गणित (200 अंक) और सामान्य ज्ञान (75 अंक) के प्रश्न पूछे जाते हैं. इस परीक्षा में पास होने वाले स्टूडेंट्स को वाइवा वायस टेस्ट यानी इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. जो कि 50 नंबर का होता है. इन दोनों टेस्ट में पास होने वालों का सैन्य अस्पताल में मेडिकल टेस्ट होता है. मेडिकली पूरी तरह फिट पाए जाने वाले का ही एडमिशन होता है.
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